New Step by Step Map For कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज

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थोड़ा काम करते ही उन्हें कमजोरी महसूस होने लगती है. शाम तक शरीर पूरी तरह से थक जाता है.

Meri age 21year h or primary pichle 10-twelve years se in sabhi troubles se gujar rahi hun….or kuch time se …dil ki dadkan badhne ki samsya jyada ho rhi h…na puri rat nind le pati h…jis wajah se mera head had se jyada nagative hota ja rha hai….. early morning me utha nhi jata …itna joint ache……kya kru main..

कैल्शियम सिटरेट, यह आसानी से अवशोषित हो जाता है।

कैल्शियम की कमी से रक्तचाप पर प्रभाव पड़ता है। रक्तचाप पर प्रभाव पड़ना मतलब हृदय रोगों को जन्म देना है।

विटामिन डी की कमी के कारण शादीशुदा पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ पर काफी असर पड़ता है.

इस दवा का उपयोग अक्सर कैंसर से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए किया जाता है, जो कि हायपरक्लेमेमिया हैं जो बिस्फोस्फॉनेट्स को अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।

इसके अलावा सूखी त्वचा या त्वचा में खुजलाहट , दाँतों का खिरना , हड्डी का आसानी से टूटना आदि कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते है।

उंगलियों में झुनझुनी होना – कैल्शियम की कमी का प्रमुख लक्षण उंगलियों में झुनझुनी होना है।

सूखे मेवे व बीज जिसमें पिस्ता, तिल, बादाम भी शामिल हैं।

नीचे बताई गई आदतों का पालन करने से कैल्शियम की कमी होने से रोकी जा सकती है:

इस रोग में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और बार-बार टूटने लग जाती हैं। क्योंकि जब खून में कैल्शियम की कमी होती है, तो कैल्शियम की आपूर्ति करने के लिए शरीर हड्डियों से कैल्शियम को खींचने लग जाता है जिससे हड्डियों में ये उपरोक्त समस्याएं होने get more info लगती हैं। (और पढ़ें - फ्रैक्चर के लक्षण​)

four. Vitamin D sharir me bhojan se calcium sokhne me mdad karta hai, isliye calcium ki kami ko pura karna hai to aese foodstuff bhi khaye jisme vitamin D adhik ho jese doodh, paneer, makkhan, anda aur machli.

अगर बच्चे बार-बार शरीर में दर्द की शिकायत करें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. इस स्थिति में डॉक्टर बच्चों के शरीर में कैल्शियम की जांच कर सकते हैं.

(और पढ़ें - बच्चों में पानी की कमी का इलाज)

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